शेयर बाजार में आईपीओ (IPO) को कमाई का एक बेहतरीन जरिया माना जाता है, खासकर बीएसई एसएमई (BSE SME) प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग गेन की उम्मीदें काफी ऊंची रहती हैं। लेकिन, हर बार दांव सही लगे, यह जरूरी नहीं। ऐसा ही कुछ हुआ है रिद्धि डिस्प्ले (Riddhi Display) के निवेशकों के साथ। जिन निवेशकों ने लिस्टिंग गेन यानी पहले ही दिन मुनाफे की उम्मीद में इस आईपीओ में पैसा लगाया था, उन्हें आज भारी निराशा हाथ लगी है।
कंपनी के शेयर आज बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्ट तो हुए, लेकिन डिस्काउंट के साथ। हालत यह रही कि मुनाफा तो दूर, निवेशकों की मूल पूंजी में से ही एक बड़ा हिस्सा पहले ही दिन साफ हो गया।
कमाई की उम्मीद पर फिरा पानी
रिद्धि डिस्प्ले के आईपीओ में शेयर का भाव (Issue Price) ₹100 तय किया गया था। निवेशकों को उम्मीद थी कि शेयर इससे ऊपर लिस्ट होगा, लेकिन आज बाजार में इसकी एंट्री ₹80 पर हुई।
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लिस्टिंग लॉस: बाजार खुलते ही निवेशकों को सीधा $20$ फीसदी का नुकसान झेलना पड़ा।
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गिरावट जारी: निवेशकों का दर्द यहीं कम नहीं हुआ। लिस्टिंग के बाद शेयर में और गिरावट देखी गई और यह टूटकर ₹76 के लोअर सर्किट पर आ गया।
निवेशकों को ₹28,800 का तगड़ा नुकसान
यह आईपीओ $1200$ शेयरों के लॉट साइज में था। इसका मतलब है कि एक निवेशक को कम से कम एक लॉट खरीदने के लिए ₹1,20,000 निवेश करने थे।
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प्रति शेयर नुकसान: ₹100 के भाव वाला शेयर जब ₹76 पर पहुँचा, तो प्रति शेयर ₹24 का नुकसान हुआ।
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प्रति लॉट नुकसान: इस हिसाब से देखें तो जिस निवेशक ने एक लॉट ($1200$ शेयर) लिया था, उसे आज लिस्टिंग वाले दिन ही सीधे तौर पर ₹28,800 का घाटा सहना पड़ा है।
जिस शेयर के लिए मची थी लूट, उसी ने किया निराश
यह निराशाजनक लिस्टिंग तब हुई है जब आईपीओ को सब्सक्रिप्शन के दौरान जबरदस्त उत्साह मिला था।
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कुल सब्सक्रिप्शन: रिद्धि डिस्प्ले का ₹24.68 करोड़ का यह आईपीओ कुल मिलाकर करीब $5$ गुना ($4.91$ गुना) सब्सक्राइब हुआ था।
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खुदरा निवेशकों का उत्साह: खासतौर पर खुदरा निवेशकों (Retail Investors) ने इसमें जमकर पैसा लगाया था और उनका हिस्सा करीब $8$ गुना ($7.95$ गुना) भरा था।
कंपनी का कारोबार और वित्तीय स्थिति
ल $2006$ में शुरू हुई रिद्धि डिस्प्ले मुख्य रूप से डिस्प्ले काउंटर, किचन इक्विपमेंट्स और रेफ्रिजेरेशन इक्विपमेंट्स बनाती है।
कंपनी ने हाल के वर्षों में अच्छी वित्तीय रफ्तार पकड़ी थी:
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FY23 मुनाफा: ₹21 लाख
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FY25 मुनाफा: ₹4.14 करोड़
कंपनी ने जुटाए गए पैसों का एक बड़ा हिस्सा लखनऊ में नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने और राजकोट यूनिट को अपग्रेड करने पर खर्च करने की योजना बनाई है। हालांकि, मुनाफे में वृद्धि के बावजूद, डिस्काउंट पर लिस्टिंग ने निवेशकों के सेंटीमेंट को बुरी तरह प्रभावित किया है।